Tuesday 31 July 2018

Kidney Stone (पथरी) Treatment In Ayurveda

आयुर्वेद के अनुसार दोषो के प्रकोप होने से पथरी होती है। गुर्दे कि पथरी या नेफ्रोलिथियासिस जो गुर्दे ओर मूत्र मार्ग में होती है गुर्दे की पथरी अधिकतर गुर्दे में ही होती है।

गुर्दे की पथरी में असहनीय दर्द होता है। पथरी को नजरअंदाज करने पर मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा हो जाती है जिसके कारण पेट मे ओर पीठ के नीचे वाले हिस्से में दर्द होता है।

गुर्दे की पथरी का आकार रेत के दाने से लेकर गोल्फ की गेंद जितना होता है छोटी आकर की पथरी उपचार करने पर मूत्र मार्ग से निकल जाती है लेकिन बड़े आकार की पथरी को सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है। आयुर्वेद में पथरी का अच्छा इलाज है नीचे हम आपको इसके होने के कारण, लक्षण, ओर उपचार के बारे में जानकारी देंगे।
  • Kidney Stone (पथरी) के लक्षण
  • पीठ के नीचे वाल हिस्से ओर पेट में असहनीय दर्द का होना
  • पेशाब में जलन, पेशाब करते समय पीड़ा होना
  • पेशाब में बदबू आना
  • पेशाब के साथ रक्त का आना 
  • उल्टी आना,बुखार का आना
  • भूख कम लगना
  • चक्कर आना
  • Kidney Stone (पथरी) के कारण
  • पानी की कमी
  • गुर्दे में सोडियम ओर हाइड्रोक्लोरिक का जमा होना
  • अधिक खट्टे, तेलीय प्रदार्थ, तेज मीर्च मसाले का अधिक मात्रा में उपयोग करना
  • तरल पदार्थ को कम मात्रा में पीना
  • मौसम के विरुद्ध खान पान
  • मेहनत ना करना
  • Kidney Stone (पथरी) का आयुर्वेदिक उपचार
  • भोजन ओर पानी: पथरी वाले रोगी को ऐसा भोजन करना चाहिए जो आसानी से पच जाए तथा अपने भोजन में पुराने चावल, दूध,निम्बू का रस अधिक उपयोग करे। जितना हो सके पानी का अधिक मात्रा में उपयोग करे साथ ही नारियल पानी का उपयोग करने से भी फायदा होगा।
  • मूली: मूली पथरी के रोगी के बहुत उपयोगी होती है मूली को सलाद के रूप में उपयोग कर सकते है तथा इसका जूस बना के पीने से भी रोगी को आराम मिलता है।
  • कुल्थी: यह पथरी के रोगी के लिए सबसे असरकारक होती है इसकी दाल का सेवन करते रहे तथा कुल्थी को उबालकर इसका पानी पीने भी पथरी कटकर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।
  • सहजन: सहजन की जड़ का साफ करके उसका काढ़ा बनाकर सुबह शाम पीने से भी पथरी का रोग ठीक हो जाता है साथ ही सहजन की सब्जी बनाकर खाने से भी पथरी रोगी को फायदा मिलता हैं।
  • पत्थरचट्टा: पत्थरचट्टा पथरी के लिए रामबाण इलाज है पत्थरचट्टा की पत्तियों को रोज सुबह खाने से पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
  • गोक्षुर: गोक्षुर का चूर्ण पथरी रोग में फायेदमंद होता है गोक्षुर के चूर्ण को रोज सुबह शाम दूध के साथ लेने से पथरी रोग ठीक हो जाता है

Saturday 28 July 2018

Periodontitis (पायरिया) Treatment In Ayurveda

दाँतो में होने वाली एक गंभीर बीमारी है पायरिया जिसे Periodontitis Disease भी कहा जाता है। इसमे मसूड़ो में सूजन ऒर इन्फेक्शन होने लगता है।

यह बीमारी जब होती है तब दाँतो ओर मसूड़ो को अच्छे से देखभाल नही करते है। सही देखभाल के अभाव में दाँतो में Plaque जमने लगता है जिससे दाँतो को सहारा देने वाली हड्डियों ओर connective tissue कमजोर होने लगते है जिससे दाँतो के टूटने की स्थिति हो जाती है।

पायरिया रोग के होने से मुंह मे बदबू आने लगती है यह रोग उन लोगो के ज्यादा होता है जो लोग मीठा अधिक खाते है। हम आपको इस बीमारी के कारण,लक्षण ओर आयुर्वेदिक उपचार बता रहे है।

  • पायरिया (Periodontitis) के कारण
  • दाँतो को साफ ना रखना
  • मीठा ज्यादा खाना
  • अनुवांशिक कारण
  • मसूड़ो की बीमारी (Gingivitis)
  • विटामिन सी की कमी
  • तम्बाकू उत्पादों अधिक सेवन
  • पेट की बीमारी का होना आदि।
  • पायरिया (Periodontitis) के लक्षण
  • मसूड़ो से रक्त व मवाद का आना
  • मसूड़ो में सूजन
  • सांसो में बदबू आना
  • दाँतो का हिलना या गिरना
  • दाँतो का रंग पीला हो जाना आदि।
  • पायरिया (Periodontitis) का आयुर्वेदिक उपचार
  • माजूफल: आयुर्वेद में माजूफल का अधिक उपयोग है माजूफल के चूर्ण को रोज सुबह शाम मंजन के रुप मे उपयोग करने पर पायरिया को दूर किया जा सकता है।
  • तुलसी: तुलसी का पौधा आसानी से उपलब्ध हो जाता है इस पौधे की पत्तियों को लेके सूखा ले, सुख जाने पर इनका चूर्ण बना लेवे इस चूर्ण में सरसों का तेल मिलाकर रोज मंजन करे जिससे पायरिया रोग में आराम मिलता है।
  • अमरूद: विटामिन सी की कमी के कारण भी पायरिया होता है ओर अमरूद विटामिन सी का अच्छा स्रोत है कच्चे अमरूद में नमक मिलाकर खाने से भी पायरिया की रोकथाम की जा सकती है।
  • शहद: शहद सभी घरों में उपलब्ध हो जाता है रोज शहद को दाँतो ओर मसूड़ो पर मलने से पायरिया के साथ साथ दाँतो से सम्बंधित अन्य रोग भी दूर हो जाते है।
  • नीम: नीम कई बीमारी को दूर करता है नीम की पत्तियों को पानी मे उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से पायरिया में आराम मिलता है तथा नीम की दातुन करने से इस रोग में फायदा होता है।
  • सरसो का तेल: सरसो के तेल में चुटकी भर नमक मिलकार दाँतो पर मलने से पायरिया रोग में फायदा होता है 
  • लोंग: लोंग दाँतो के रोग के लिए बहुत उपयोगी होती है इसके तेल की कुछ बूंदे एक गिलास पानी मे डाल कर कुल्ला करने से मुंह की बदबू, दाँतो के अन्य रोग तथा पायरिया में आराम मिलता है।
  • हरीतकी: हरीतकी का चूर्ण दाँतो ओर मसूड़ो को द्रढ बनाने के लिए फायदेमंद होता होता इसके साथ इसके चूर्ण का मंजन करने से पायरिया रोग नष्ट हो जाता है।

Thursday 26 July 2018

Sciatica (गृध्रसी) Treatment In Ayurveda

  • Sciatica (गृध्रसी) 
साइटिका जिसे आयुर्वेद में गृध्रसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका दर्द असहनीय होता है।

इसमे कूल्हों,पैरो की जांघो में सुई चुभने जैसा तेज दर्द होता है। सियाटिका नर्व रीढ़ से निकलने वाली स्पाइनल नर्व से मिलकर बनती है। यह पैरो को मांसपेसियों को  नियंत्रित करती है, यह पैरो दर्द, कम्पन, तापमान आदि को स्पाइनल कॉर्ड तक पहुँचती है।

सियाटिका का दर्द पूरे दिन के कार्यो को बाधित करता है  यह दर्द कमर से होता हुआ नीचे पैरो तक जाता है। इसे जानने के लिए इस रोग से पीड़ित व्यक्ति से मिलकर इसकी परेशानी को जान सकते है। इस रोग के आयुर्वेदिक उपचार बताएंगे जिससे आप इसके दर्द से छुटकारा पा सकते है।


Sciatica Pain Area


  • Sciatica(गृध्रसी) के लक्षण
  • कमर में दर्द रहना
  • एक पैर में पंजे तक दर्द रहना
  • पंजे में कमजोरी आना
  • एक पैर की अंगुलियों ओर अंगूठे का सुन्न होना
  • पेशाब करने में तकलीफ होना
  • Sciatica ( गृध्रसी) के कारण
  • स्लीप डिस्क के कारण दबाव
  • साइटिका नर्व पर दबाव
  • स्पाइनल केनाल का सिकुड़ना
  • हर्नियेटेड डिस्क (herniated disc) पर दबाव
  • Sciatica (गृध्रसी) के आयुर्वेदिक उपचार
  • गुग्गुलु: यह पेड़ से प्राप्त लार होती है जो कई बीमारियों के इलाज से साथ साइटिका के दर्द के लिए भी लाभदायक होती है। इसमे उपस्थित गुण दर्द और सूजन को कम करते है ओर साथ ही तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनने में भी मदद करते है जिससे साइटिका के दर्द को कम करने में भी मदद मिलती हैं।
  • पारिजात: पारिजात की पत्तियों का काढ़ा तैयार कर नियमित रूप से रोज सेवन करने से भी साइटिका के दर्द में राहत मिलती है। ( चिकित्सक से परामर्श जरूर लेवे) 
  • मेथी: साइटिका के दर्द से आराम दिलाने के लिए मेथी के दाने बहुत ही फायदेमंद होते है। सुबह सुबह मेथी के दानो को पानी के साथ लेने से साइटिका के दर्द में आराम मिलता है।
  • लहसुन: यह साइटिका के दर्द से निजात दिलाने के लिए बहतरीन उपाय है। हर सुबह 3 से 4 कच्चे लहसुन की कली को चबा के खाने से दर्द में आराम मिलता है।

  • जायफल: जायफल को बारीक पीसकर उसका पाउडर बना ले उसके बाद इसे तिल के तेल में अच्छे से पकाये,पकने के बाद हल्का ठंडा होने पर दर्द वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
  • योग: साइटिका में योग बहुत जरूरी होता है इससे शरीर मजबूत बनता है साथ हमारा प्रतिरक्षा तंत्र भी मजबूत बनता है जिससे साइटिका नर्व भी मजबूत बन जाती और इसके दर्द में फायदा मिलता है।
  • बेड रेस्ट: साइटिका के रोगी को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए भारी सामान नही उठाये तथा झुक कर काम ना करे। इससे भी काफी हद तक दर्द से निजात पाया जा सकता है।


Tuesday 24 July 2018

Treat Tips For Piles (बवासीर)

आज हम बात करते है piles के बारे में जिसे कई नामो जैसे अर्श,बवासीर, मस्से आदि से भी जाना जाता है।

आजकल की बिगड़ी हुई जीवन शैली ओर फास्ट फूड बढ़ते चलन से piles के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। किसी व्यक्ति को अगर लम्बे  समय तक कब्ज है तो उसका अंतिम परिणाम piles ही होता है।

बवासीर के कई कारण हो सकते है जैसे वंशानुगत, खान पान में गड़बड़ी, लम्बे समय फक बैठे रहना आदि सुरुआती दिनों में रोगी शर्म के कारण डॉक्टर के पास नही जा पाता और ये समस्या बढ़ती जाती है। हमारी इस पोस्ट के जरिये जानते इस रोग से कैसे बचा जाए और क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए।

  • Piles (बवासीर) के कारण
  • अनियमित जीवन शैली
  • कब्ज का लम्बे समय तक रहना
  • समय पर शौच न करना
  • शौच करते समय ज्यादा जोर लगाना
  • आलस्य, लंबे समय तक एक जगह बैठे रहना
  • आहार में फाइबर की कमी
  • वंशानुगत
  • अधिक मात्रा में तले, भुने भोजन का सेवन
  • Piles (बवासीर) के लक्षण
  • खुजली व मलाशय में दर्द
  • गुदा के आस पास मस्से होना
  • शौच करते समय रक्त का आना
  • रक्त का थक्का जमना या सूजन आना
  • बार बार शौच जाने के इच्छा होना
  • मल का ना निकलना
  • रक्त की कमी
  • Piles (बवासीर) का उपचार 
  • आहार: पोष्टिक आहार लेना आवश्यक होता है आहार फाइबर युक्त होना चाहिए, फल हरी सब्जियां साबुत अनाज अधिक लेवे। खाने में बीन्स, दाले, मटर आदि का सेवन करे। खाने में सलाद का अधिक उपयोग करे तले हुए ओर मसालेदार भोजन का सेवन कम करे।
  • छाछ: piles के इलाज के लिए छाछ बेहद फायदेमंद होती है रोजाना दोपहर के खाने के बाद 2 गिलास छाछ का सेवन करे इससे बवासीर की समस्या में आराम मिलता है।
  • इसबगोल: मार्केट में यह उपलब्ध है इसको रात में 2 से 3 चम्मच पानी में घोलकर लेने से भी बवासीर में फायदा होता है।
  • त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण को रात में गुनगुने पानी से लेने पर बवासीर में काफी हद तक सहायता मिलती है।
  • प्याज: प्याज बवासीर के इलाज के लिए काफी फायदेमंद होता है प्याज को दही और छाछ के साथ मिलाकर खाने से बवासीर में फायदा होता है।
  • एलोवेरा: इसे ग्वारपाठा भी कहते है यह कई रोगों को दूर करने के साथ साथ बवासीर में भी आराम देता है।
  • योग: सभी रोगों में आराम से साथ योग बवासीर में भी आराम देता है बवासीर के रोगियों को कपालभाति, अनुलोम विलोम, मंडूकासन आदि योग करने चाहिए। योग करने से पहले योग गुरु से अच्छे से समझकर योग करना चाहिए।


Sunday 22 July 2018

How To Raise Low BP (निम्न रक्तचाप)

आज की हमारी पोस्ट है निम्न रक्तचाप (Low BP) इससे पहले हमारी पोस्ट उच्च रक्तचाप उसके बारे में थी। जिसकी हमने  पहले बात कर ली है। आज हम बात करते है निम्न रक्तचाप जिसे Low BP भी कहते है। उच्च रक्तचाप के समान ही निम्न रक्तचाप भी हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है।

जब शरीर मे धमनियों में रक्त संचार की गति कम हो जाती है तब शरीर के कुछ भागों तक रक्त नही पहुँच पाता है तो शरीर मे रक्त की कमी हो जाती है इसे निम्न रक्तचाप यानी low Bp कहते है।

जब शरीर मे खून का आना जाना धीरे धीरे कम हो जाता है तब शरीर के अंग काम करना बंद कर देते है। जैसे दिल, किडनी,दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह से काम करना बन्द कर सकते है। इसका आयुर्वेद में अच्छा  उपचार संभव है।
How To Raise Low BP (निम्न रक्तचाप)
  • निम्न रक्तचाप ( Low BP) के लक्षण
  • चक्कर आना
  • बेहोशी आना
  • कमजोरी आ जाना
  • छाती में दर्द, सर में दर्द
  • हाथो और पैरों का ठंडा होना
  • आंखों के सामने अंधेरा छाना
  • निन्म रक्तचाप (low BP) के कारण
  • शरीर मे रक्त की कमी होना
  • शरीर मे रोगों का होना जैसे- शुगर, टी.बी आदि
  • लिवर से संबंधित रोग होना
  • हृदय से संबंधित रोग
  • विटामिन जैसे विटामिन बी12 और आयरन की कमी
  • अवसाद ओर तनाव का होना
  • निन्म रक्तचाप (Low BP) के उपचार
  • सामान्य उपचार: निन्म रक्तचाप के लक्षण दिखाई देने पर अपने हाथों की मुट्ठी को खोले ओर बन्द करे। नमक, नींबू का पानी पियें तथा पैरो के नीचे तकिया लगाकर लेटे रहे।
  • आहार: निम्न रक्तचाप में आहार का बहुत ध्यान रखना पड़ता है नियमित रूप जस सब्जियों का सूप पीते रहे तथा अनार के रस से नमक मिलाकर पीने से भी निम्न रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • किशमिश: किशमिश को रातभर पानी मे भिगोकर रख दे तथा सुबह उसे कहा ले इससे भी निन्म रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
  • अदरक, लोंग का काढ़ा: एक गिलास पानी मे अदरक, लोंग, काली मिर्च आदि डालकर उबले जब पानी उबलकर आधा रह जाये तो तो उसे पी ले यह भी निन्म रक्तचाप के लिए फायदेमंद है।
  • दालचीनी: दालचीनी का पाउडर का पानी मे डालकर काढ़ा बना ले इस काढ़े को लेने से भी निन्म रक्तचाप में सहायता मिलती है।

Friday 20 July 2018

How To Control High BP (उच्च रक्तचाप)

  • High BP (उच्च रक्तचाप)
आज हम बात करते है High Blood Pressure की जिसे उच्च रक्तचाप भी कहते हैं। शरीर के सभी अंगों को रक्त हृदय पहुँचता है। छोटी और बड़ी सभी रक्त वाहिनियों को हृदय रक्त संचार समय अनुसार करता है।

हमारी धमनियों में बहने वाले रक्त का एक निश्चित दबाव होता है। जब यह दबाव बढ़ जाता है तो धमनियों पर दबाव बढ़ जाता है तथा इस अवस्था को High BP यानी उच्च रक्तचाप कहते है।

एक सामान्य व्यक्ति की रक्तचाप की दर 120/80 होती है। High BP होने पर दिल का दौरा, नस फटने, किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
How To Control High BP (उच्च रक्तचाप)
  • High BP (उच्च रक्तचाप) के कारण
  • रक्त संचार अनियंत्रित होना।
  • मानसिक तनाव, चिंताग्रस्त रहना।
  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल का जमना।
  • मोटापा बढ़ना।
  • शारीरक परिश्रम की कमी।
  • अधिक तला हुआ भोजन करना।
  • फास्ट फूड का अधिक सेवन।
  • High BP (उच्च रक्तचाप) के लक्षण
  • घबराहट होना,पसीना आना।
  • शरीर मे कम्पन होना।
  • चक्कर आना,आँखों से धुंधला दिखाई देना।
  • बिना काम किये थकान महसूस होना।
  • सर दर्द होना।
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • Higb BP (उच्च रक्तचाप) का उपचार
  • Check up: नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना चाहिए जिससे ब्लड प्रेशर की सही स्थिति का पता चलता रहता है ताकि समय रहते कंट्रोल किया जा सकता है।
  • सर्पगंधा: सर्पगंधा के चूर्ण का सेवन रोज सुबह शाम करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • अर्जुन की छाल: अर्जुन की छाल का पाउडर दिल के बीमारी को ठीक करने के साथ साथ यह उच्च रक्तचाप को भी कम करने में भी सहायता करता है।
  • त्रिफला चूर्ण: यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है ब्लड में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है तथा उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है।
  • गौ मूत्र: यह हर बीमारी के लिए फायदेमंद होता है सुबह खाली पेट देसी गाय का गौ मूत्र पीने से उच्च रक्तचाप नियंत्रण हो जाता है।
  • व्यायाम: रोजाना हल्का व्यायाम करे और सुबह उठकर टहले इन सब से उच्च रक्तचाप को काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है।

Thursday 19 July 2018

Diabetes (मधुमेह) का इलाज

  • Diabetes (मधुमेह)
आज की हमारी पोस्ट Diabetes के बारे में है जिसे मधुमेह भी कहते हैं। पुुरे संसार में  Diabetes के रोगीयो की संख्या तेेजी से बढ रही है।

इस बीमारी में रक्त में Glucose की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाती है इस वजह से रक्त कोशिकाएं इस Glucose का उपयोग नही कर पाती। रक्त में Glucose का स्तर लगातार बढे रहने से यह शरीर को नुकसान पहुँचता है।

इस रोग को आयुर्वेद में महारोग भी कहा जाता है इस रोग में रोगी के पेशाब में Glucose पाया जाता है।

मधुमेह का समय पर उपचार नही किया जाए तो इसके घातक परिणाम हो सकते है जैसे- नपुंसकता, जोड़ो का दर्द, kidney failure आदि। मधुमेह का सबसे अच्छा इलाज आयुर्वेद में है जिसका वर्णन किया जा रहा है।
How To Control Diabetes (मधुमेह)
  • Diabetes (मधुमेह) के प्रकार
  • Type 1: हमारे शरीर जब स्यवं इन्सुलिन नही बनाता तब type 1 Diabetes होती है।
  • Type 2: इस प्रकार के Diabetes में हमारे शरीर मे इन्सुलिन की मात्रा कम बनती है जो ठीक प्रकार से कार्य नही करता। इसी को type 2 Diabetes कहते है।
  • Diabetes (मधुमेह) के लक्षण
  • ज्यादा थकान महसूस होना
  • अधिक प्यास,अधिक भूख लगाना
  • अधिक पेशाब आना
  • किसी घाव का जल्दी ना भरना
  • बार बार त्वचा के रोग होना
  • रक्त में ग्लूकोज़ का बढ़ना
  • Diabetes (मधुमेह) के कारण
  • आनुवंशिक कारण
  • मोटापे के कारण
  • खान पान की गलत आदत
  • शारीरिक परिश्रम ना करना
  • नशीले पदार्थों का अधिक सेवन
  • चीनी का अधिक मात्रा में सेवन
  • Diabetes (मधुमेह) का उपचार
  • खान पान: अपने खान पान में मिठे पर्दाथ व चीनी के अधिक उपयोग से बचें। एक बार मे ज्यादा खाना खाने के बजाए थोड़े थोड़े अंतराल में खाये हरी पत्तीदार सब्जियों का उपयोग करे।गेंहू, जौ, चना के आटे से बनी मिस्सी रोटी का उपयोग भी मधुमेह में फायदेमंद रहता है।
  • मेथी के दाने: 1 से 2 चम्मच मेथी के दाने लेकर रात को पानी मे भिगो दे सुबह उठकर उस पानी को पी ले तथा मेथी के दानो को चबाकर खा जाए इससे भी मधुमेह ठीक हो जाता है।
  • जामुन की घुटली: जामुन की घुटली लेकर उसे सूखा दे उसके बाद उसे पीसकर उसका पाउडर बना कर उसका सेवन करने से ब मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • करेले का जूस: नियमित रूप से करेले के जूस का सेवन करने से भी मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण का 1 चम्मच गर्म पानी से रोज रात को लेने से भी मधुमेह रोग में सहायता मिलती हैं।
  • व्यायाम ओर योगसन: किसी भी प्रकार के व्यायाम करने से भी मधुमेह में आराम मिलता है। तथा योगसन जैसे मंडूकासन, अनुलोम विलोम, कपालभाति,हलासन आदि करने से मधुमेह नियंत्रित किया जा सकता है।

Wednesday 18 July 2018

Treat Tips for Constipation (कब्ज)

  • Constipation (कब्ज) 
आयुर्वेद के अनुुुसार कब्ज वात के असंतुलन के कारण होती हैं। वात के असंतुलन से शरीर मे अवरोध उत्पन्न हो जाता हैं जिससे पाचन क्रिया भी असंतुलन हो जाती है इस असंतुलन से कब्ज हो जाती है। 

अवसाद और रुमेटोइड आर्थराइटिस वाले रोगी में संबंधित लक्षण के रूप में कब्ज हो जाती है। कब्ज को हल्के में लेने के घातक नुकसान हो सकते है। जो कई बीमारियों की जड़ है।कब्ज के करण सिर दर्द, एसिडिटी, ओर पाइल्स जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

हमारे भोजन में तरल पदार्थ और फाइबर की कमी के कारण भी कब्ज हो जाती है जिससे मल त्याग करने में परेशानी होती है।
Treat Tips for Constipation (कब्ज)

  • Constipation (कब्ज) होने के कारण
  • भोजन का फाइबर युक्त न होना।
  • तरल पदार्थ का कम उपयोग।
  • कम मात्रा में पानी का पीना।
  • ज्यादा बैठे रहना, महेनत न करना ।
  • चाय,कॉफी का अधिक सेवन करना ।
  • फास्ट फूड का अधिक सेवन।
  • समय पर भोजन ना करना।
  • तनाव व अवसाद का होना।
  • Constipation (कब्ज) से बचने के उपाय
  • संतुलित भोजन: कब्ज को दूर करने के लिये संतुलित भोजन का करना बहुत ही आवश्यक है।अपने भोजन में ज्यादा फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी, किसमिश, अजवाइन, सेम व भोजन के साथ सलाद का भी उचित मात्रा उपयोग करे। बाहर का खाने और ज्यादा तले हुए भोजन से बचें।
  • पानी: एक सामान्य व्यक्ति दिनभर में प्यास लगने पर पानी पीना चाहता है लेकिन कब्ज जैसी बीमारी में पानी का अधिक सेवन आंतों को नरम बनाता है ओर कब्ज को दूर करता है।
  • इसबगोल: इसबगोल का नाम आप सब ने सुना होगा इसबगोल को रात में 2 से 3 चम्मच गुनगुने पानी मे लेने से कब्ज जैसी शिकायत दूर हो जाती है।
  • त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण का उपयोग भी कब्ज में आराम देता है।त्रिफला चूर्ण रात में 1 चम्मच गर्म पानी से लेने पर कब्ज दूर हो जाती है तथा इसका नियमित सेवन कब्ज को जड़ से मिटा देता है।
  • मुनक्का: मुनक्का में फाइबर्स होते है जो पाचन क्रिया को ठीक करता है। रोज 10 से 15 मुनक्का खाने से कब्ज दूर हो जाती हैं।
  • व्यायाम: व्यायाम हमारे शरीर मे एनर्जी देने के साथ हमारे पेट को भी ठीक रखता है। एक जगह बैठे रहने से तथा कोई मेहनत ना करने से कब्ज की शिकायत हो जाती है उनके लिए व्यायाम लाभकारी है जेसे सुबह दौड़ना, सायकिल चलाना,स्विमिंग करना,पैदल चलना आदि।

Tuesday 17 July 2018

Tips To Treat Body Odor(दुर्गन्ध)

  • Tips To Treat Body Odor(दुर्गन्ध)
आज की हमारी पोस्ट है हमारे शरीर से दुर्गन्ध दूर कैसे किया जाए। शरीर से दुर्गन्ध आने की वजह से हमारा आत्मविश्वास गिर जाता है जिससे हम किसी काम को करने से हिचकिचाते है तथा किसी के सामने जाने से डरते है ओर हमे सर्मिन्दा होना पड़ता है।

शरीर से दुर्गन्ध पसीने की वजह से आती है व इनके मुख्य कारण है बैक्टरिया जो हमारे शरीर मे उस जगह पनपते है जहाँ नमी ओर गर्मी हो ये पसीने के साथ मिलकर शरीर में दुर्गन्ध उत्पन्न करते है।

इस व्यस्त जीवन मे पूरे दिन शरीर को ताजा ओर दुर्गन्ध रहित रखना बहुत मुश्किल काम है। आज मार्केट में कई तरह के Dioderant or Perfume उपलब्ध है जिनसे थोड़े समय तक शरीर की दुर्गन्ध को दूर कर सकते है लम्बे समय तक नहीं लेकिन आज हम आपको कुछ घरेलू उपायों के जरिये बताएंगे कि शरीर की दुर्गन्ध को लम्बे समय तक कैसे दूर किया जा सकता है।
Tips To Treat Body Odor(दुर्गन्ध)
  • शरीर से दुर्गन्ध आने के कारण
  • पसीना का अधिक मात्रा में निकलना।
  • बैक्टरिया का उत्पन्न होना।
  • शरीर को अच्छे से साफ न करना।
  • नियमित स्न्नान न करना।
  • शरीर से दुर्गन्ध दूर करने के उपाय
  • साफ सफाई: शरीर से दुर्गन्ध दूर करने के लिए शरीर की साफ सफाई करना जरूरी है इसके लिए नियमित स्नान करते रहना चाहिए और अगर पसीने ज्यादा आ जाये तो दिन में 2 बार स्नान जरूर करें।
  • पानी का अधिक उपयोग: दुर्गन्ध दूर करने के लिए अधिक मात्रा मे पानी पीना चाहिए, कम से कम 3 से 4 लिटर पानी रोज पिये क्योंकि पानी हमारे शरीर केे तापमान को नियत्रित करता है। शरीर से टाक्सिन बाहर निकल जाते है ओर शरीर से दुुर्गन्ध दुर हो जाती हैं।
  • हरी सब्जियों का उपयोग: हरी सब्जियों का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करे क्योकि हरी सब्जियों में उपस्तिथ क्लोरोफिल शरीर की दुर्गन्ध दूर करने में सहायता करता है।
  • निम्बू का रस: शरीर में जहा से दुर्गन्ध आती है वहा निम्बू का रस लगाए जिससे उत्पन्न बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है ओर दुर्गन्ध दूर हो जाती है निम्बू का रस लगातार उपयोग करने से दुर्गन्ध पूर्णतया समाप्त हो जाती है।
  • पुदीने का उपयोग: पुदीने की ताजा पत्तियों को पीस कर पेस्ट बना ले फिर उसे दुर्गन्ध वाले स्थान पर लगायें थोड़े समय रखकर धो ले इससे भी शरीर की दुर्गन्ध दूर होती हैं।
  • टमाटर का उपयोग: टमाटर के गूदे का पेस्ट बनाकर अपने अंडरआर्म में 15 से 20 मिनट तक लगाए फिर पानी से धो ले इसे रोज उपयोग लेने से भी शरीर की दुर्गन्ध से छुटकारा मिलेगा।
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Monday 16 July 2018

Commen Disease In Rainy Season

वर्षा ऋतु के आते ही गर्मी से राहत मिलती है,बारिश का मौसम किसे अच्छा नही लगता बच्चों स लेकर बड़ो तक सबके चेहरे खिल उठते है। बारिश का मौसम हो गर्म चाय और गर्मागर्म पकोड़े याद न आये ऐसा तो हो ही नही सकता, चाय की चुस्की के साथ गर्म पकोड़े इस मौसम में चार चांद लगा देते है। इस मौसम में बाहर का चटपटा खाना जितना अच्छा लगता है उतना ही नुकसान भी करता है। इस मौसम में बैक्टरिया, कीटाणु, फंगस अधिक मात्रा में पनपते है तथा इस वजह से कई तह की बीमारियां पैदा हो जाती है। इन बीमारियों से सावधान रहना चाहिए जैसे सर्दी,खासी,हैजा,डायरिया, मलेरिया आदि।
Commen Disease In Rainy Season
  • सर्दी,खाँसी
 वर्षा ऋतु के आते ही यह से समस्या आम हो जाती है, शरीर का भीगे हुए रहना अच्छी तरह से न सुखना जिससे नमी बनी रहती है ओर सर्दी, खासी जैसी समस्या उत्पन हो जाती है।
  • सर्दी खासी से बचने के उपाय
वर्षा ऋतु में सर्दी खासी से बचने के लिये गीले कपड़े ना पहने कपड़ो केे सूखने पर ही पहने
जिस व्यक्ति से सर्दी खासी हो उससे दूर रहे और अपने हाथों को नियमित रूप से धोये
  • हैजा
हैजा संक्रामक रोग है यह  Vibrio Cholera नामक जीवाणु के द्वारा दूषित पानी और भोजन से होता है। इस बीमारी में उल्टी ओर दस्त होने से शरीर मे आवश्यक मिनरल ओर पानी की कमी हो जाती है।
  • हैजा से बचने के उपाय
हैजा से बचने के लिये साफ़ पानी पियें
पानी को उबाल कर पिये
भोजन को ढककर रखे
घर के आस पास साफ सफाई रखे
  • डायरिया
डायरिया यह हैजा के समान ही होता है लेेेकीन इसमे रोगी को केेवल दस्त होते है। जीवाणु युक्त पानी पीने सेे डायरिया हो जाता है।
  • डायरिया से बचने से उपाय
भोजन को गर्म खाये।
हाथो को अच्छे से धोये।
बाजार से कटी फटी सब्जी न ले उनमें जीवाणु होते है।
पानी को उबाल कर पिये।
  • मलेरिया
बारिश के मौसम मलेरिया का प्रकोप अधिक होता हैं। यह रोग मच्छरो से होता हैं, बारिश के मौसम में पानी के एकत्रित हो जाने पर मच्छर उत्पन्न हो जाते है। यह रोग चार टाइप के परजीवी से होता है जैसे- Plasmodium Maleri, Plasmodium Ovale, Plasmodium vivex,Plasmodium falciperum ।इस रोग शरीर काँपने लगता है, बुखार,बदन दर्द होता है।
  • मलेरिया से बचने के उपाय
मलेरिया से बचने के लिये अपने आस पास पानी एकत्रित न होने दे। 
घर के आस पास सफाई रखे।
टिन के डिब्बे,कूलर आदि में पानी को इकठ्ठा न होने दे।
मच्छरो से बचने के लिए फुल लेंथ वाले कपड़ें पहने।
रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे।

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Sunday 15 July 2018

How To Control Depression (अवसाद)

आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में हर दूसरा व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है कई व्यक्ति इसे नजरअंदाज कर देते है फिर बाद में भयानक साबित होता है डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति अपनी रोजमर्रा के कामकाज भलीभांति नहीं कर पाता उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है और वह अपने पारिवारिक सम्बन्धो के दुखो का कारण बनता है Depression का शिकार व्यक्ति हर बात नकारात्मक सोचने लगता है जब Depression की अवस्था भयानक हो जाती है तो वह व्यक्ति अपनी लाइफ को बेकार समझने लगता है और ऐसी अवस्था में वह अपने जीवन को समाप्त करने की सोचने लगता है तो आये हमारी इस पोस्ट के जरिये जानते है Depression के लक्षण कारण और उससे छुटकारा पाने का उपाय 
How Control Depression (अवसाद)
                                                  
  • Depression (अवसाद) के लक्षण
  • Depression का मुख्य कारण है नींद न आना या अधिक नींद आना 
  • Depression के शिकार व्यक्ति को भूख नहीं लगती 
  • कोई भी काम करने में मन नहीं लगता उसे मुश्किल समझने लगते है 
  • अपनी सोच को नेगेटिव बना लेते है 
  • छोटी छोटी बातो पर गुस्सा करने लगते है 
  • अपने आप को अकेला महसूस करने लगता है hopeless feel करता है 
  • शराब का सेवन अधिक सेवन करने लगता है 
  • वह अपनी जीवनलीला समाप्त  करने की सोचने है 
  • Depression (अवसाद) के कारण
  • धोका हो जाना 
  • बेरोजगारी, व्यापर में नुक्सान हो जाना 
  • पेसो की कमी 
  • अकेलापन तथा किसी अपने का साथ छूट जाना 
  • किस के कारण परेशान किया जाना बार बार टॉर्चर करना 
  • अपने काम में सफलता नहीं मिलना 
  • अपने कार्य का दबाव 
  • शराब व नशीली दवा का सेवन 
  • Depression (अवसाद) से बचने के उपाय
  • Depression की वजह जानने की कोशिश करे उसका हल निकले अपने किसी दोस्त या फिर अपनों की सहायता ले उनसे उस समस्या पर विचार करे तथा उसका हल कैसे हो सकता है उस पर अमल करे  
  • Depression  शिकार वयक्ति को हमेशा किसी भी प्रकार से वयस्थ रहना चाहिए ताकि उसके दिमाग में किसी प्रकार की नकारात्मक सोच न आये नकारात्मक सोच उसके लिए घातक हो सकती है अतः उसे वयस्थ  रहना चाहिए
  • किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहे और भरपूर नींद ले इससे दिमाग को आराम मिलेगा ओर बिना किसी तनाव के अच्छा काम करेगा 
  • Depression को दूर करने के लिए सबसे अच्छी तकनीक है गाने सुनना इससे अवसाद दूर होगा और अपने आप को तजा महसूस करने लगोगे 
  •  शराब व नशीली दवा का सेवन बंद कर देवे क्योकि कई व्तक्ति अवसाद से बचने के लिए ऐसी दवा का सेवन करते है कुछ समय के लिए वह अवसाद से दूर हो जाते है लेकिन बाद में यही उनकी आदत बन जाती है अतः इनके सेवन से बचें 
  • Depression से बचने का सबसे अच्छा उपाय है प्राणायाम इससे दिमाग में सकारात्मक सोच का विकास होगा ओर तनाव व अवसाद जैसी अवस्था को दूर किया जा सकता है।

Saturday 14 July 2018

Celiac Disease

Celiac Disease जिसे हम आम भाषा में गेहूं की एलर्जी भी कहते है। इस बीमारी में गेहूं तथा गेंहू से बने उत्पाद से एलर्जी हो जाती है इसका मुख्य कारण है ग्लूटिन प्रोटीन जो विभिन्न खाद्य प्रदार्थ जैसे गेहूं ,जई,जौ आदि में पाया जाता है। इस रोग में ग्लूटिन प्रोटीन को खा नही सकते क्योंकि यह छोटी आंत को नुकसान पहुँचता है। इस रोग में बच्चे कमजोर हो जाते हैं और बच्चों की लंबाई रुक जाती है। कई बार डॉक्टर इस बीमारी को पहचान नहीं पाते और इसे किसी प्रकार का संक्रमण या टिबी समझ लिया जाता है। Celiac Disease से पीड़ित बच्चों को जीवन भर  ग्लूटिन प्रोटीन युक्त खान पान से परहेज करना चाहिए।
Celiac Disease

           Celiac Disease की के लक्षण
  • कमजोरी,थकान
  • वजन घटना
  • खून की कमी
  • पेट दर्द
  • उल्टी
  • लम्बाई का न बढ़ना
  • डिप्रेशन ( Depression)
  • शरीर का विकास रुक जाना
  • युवास्था का देरी से प्रारम्भ होना ।
               Celiac Disease के कारण
  • जेनेटिक कारण
  • ग्लूटिन प्रोटीन 
  • पर्यावरण
  • डाउन सिंड्रोम या टर्नर सिंड्रोम
  • टाइप 1 डियाबिटीज
      Celiac Disease के निवारण के उपाय
  • ग्लूटिन प्रोटीन रहित खाद्य पर्दाथ का सेवन।
  • कैल्शियम युक्त आहार का सेवन जैसे दूध, दही, पनीर, मछली, बादाम,और चौलाई।
  • विटामिन बी युक्त आहारों में अंडे, दूध, मीट, संतरे का रस, फलियाँ, और ग्लूटेन रहित साबुत अनाज आते हैं।
  • Celiac Disease में विटामिन के की कमी हो जाने की संभावना रहती है।इसके लिए पालक,पत्तागोभी, मटर,जैतून, सोयाबीन,दलिया आदि सभी विटामिन के स्रोत है।
  • वयायाम करते रहना चाहिए जैसे दौड़ना,साईकल चलना,पैदल चलना आधी कार्य करने चाहिए जिससे सकारात्मक विचार का विकास होगा।
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Thursday 12 July 2018

Warts (मस्से) Treat Tips

  • मस्से(warts) 
आज की हमारी पोस्ट है मस्से, आमतौर पर आज लाखों लोग त्वचा की समस्या से ग्रसित है। इन समस्याओं में मस्से होना भी एक प्रकार की समस्या है। ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस के कारण होते है। मास्सा त्वचा का एक उभार होता है। मस्से दिखने में छोटे दाने की तरह होते है। इनका रंग काला व भूरा होता है। कुछ मस्से खुद गायब हो जाते है और कई का इलाज करना पड़ता है। आयुर्वेद में मस्सो को अच्छा इलाज है । मस्से त्वचा पर अचे नही लगते जिसके चलते कई लोग मस्सो को काट लेते है। जिससे मस्से शरीर मे ओर जगह फैलने लगते हैं। इस पोस्ट के जरिये जानते है मस्सो का घरेलू उपचार।



Warts (मस्से) Treat Tips

  • मस्से (Warts) होने के कारण
  • मस्से होने का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिल्लोमा वायरस है
  • मस्से संक्रमण के कारण फैलते है।
  • संक्रमित व्यक्ति की वस्तुएं को इस्तेमाल करने से 
  • संक्रमण शरीर मे कटी फटी जगह से वायरस का प्रवेश करने पर होता है।
  • मस्से (Warts) के घरेलू उपचार
  • जब आप किसी मस्से से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हो तो अपने हाथों को नियमित रूप से धोवे।
  • चुने को मस्से पर लगाने से मस्से सुख जाएंगे ओर गिर जाएंगे जब तक मस्से सुख कर गिर न जाये तब तक चुने को रोज दिन 2 से 3 बार लगाए।
  • कच्चे आलू को नियमित रूप से मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
  • लहसुन को हल्का पिसकर उसे मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों से छुटकारा मिलता है।
  • बरगद के पत्तो के रस को मस्सो पर लगाने से भी मस्सो से छुटकारा मिलता है।
  • प्याज के रस को मस्सो पर लगाने से भी मस्सो में आराम मिलता है।
  • कसीसादी तैल को मस्सो पर लगाकर पट्टी बांध दे ऐसा रोज करते रहे इससे भी मस्सो से आराम मिलेगा।
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Wednesday 11 July 2018

Psoriasis Treat Tips


सोरायसिस त्वचा में होने वाला एक विकार है। इसके कारण त्वचा पर लाल रंग के खुजलीदार चकते पड़ जाते है ।जिसमे बहुत खुजली और दर्द होता है । सोरायसिस त्वचा की ऊपरी सतह पर होने वाला चर्म रोग है। सोरायसिस एक वंशानुगत बीमारी है लेकिन पर्यावरण को भी इसका कारण माना जाता है। कई बार इलाज के बाद इसे ठीक हुआ समझ कर लोग निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन यह बीमारी दोबारा हो सकती है। 

सर्दियों के मौसम में यह बीमारी ज्यादा होती है। सोरायसिस को Autoimmune Disease माना जाता है जिसमे Immune System गलती से Healthy Cells पर atteck करके उनकी life cycle को बदलने लगती है। सामन्यतया एक सेल के पैदा होने से मरने तक का समय लगभग 25 से 30 दिन होते है। लेकिन सोरायसिस होने और यह समय अवधि एक हफ्ते से भी कम हो जाती है।इसके कारण त्वचा पर डेड सेल्स की परत जमने लगती है आये जानते है इसके होने के कारण ओर इसकी रोकथाम कैसे की जाए।।
  
Psoriasis Treat Tips
          
  • सोरायसिस होने के कारण
  • मानसिक तनाव
  • अनुवांशिक कारण
  • बेक्टरीअल इन्फेक्शन
  • धूम्रपान, शराब का सेवन
  • रूखी त्वचा
  • पर्यावरण में बदलाव
  • सोरायसिस के रोकथाम के उपाय
  • सोरायसिस होने पर चिकित्सक को दिखाएं और उनके द्वारा बताए अनुसार निर्देशों का पालन करते हुए उपचार कराएं ताकि सोरायसिस नियंत्रण में रहे।

  • अपनी त्वचा का अधिक ध्यान रखे। अपनी त्वचा को सूखने नही दे,त्वचा को सूखने से बचाने के लिए मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करे ताकि त्वचा की नमी बनी रहे। हल्की धूप में शरीर को सेंकने से भी सोरायसिस के इलाज में मदद मिलती है।

  • एलोवेरा भी सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह त्वचा पर एक protction लेयर बना देती है यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

  • हल्दी के पाउडर में जरूरत अनुसार पानी डालकर पेस्ट तैयार करें। अब इसे सोरायसिस पर लगायें और ऊपर से कपड़ा बांध लें। इसे रातभर लगा रहने दें और अगले दिन सुबह साफ पानी से धो लें। इस उपचार को भी आप रोज कर सकते हैं।

  • आइस पैक भी सोरायसिस से होने वाली खुजली और जलन को कम करने में मदद कर सकता है। यह nerves को सुन्न करके दर्द के सिग्नल्स को दिमाग तक पहुँचने से रोकता है जिससे दर्द का एहसास कम होता है।

  • सोरायसिस में तनाव की स्थिति से बचें क्योंकि तनाव सोरायसिस को बढ़ाता है।
              

Tuesday 10 July 2018

Skin Tone Improvement Tips

आज कल की भागदौड़ भरी लाइफ में किसी के पास इतना समय नही है कि अपनी हेल्थ पर ध्यान दे लेकिन सब अपने फेस की स्किन टोन को निखरना चाहते है।

आज हम बात करते है कि फेस के स्किन टोन को कैसे बढ़ाया जाए ।अक्सर देखा गया है कि स्किन से जुड़ी समस्या से निपटने के लिए हम महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का उपयोग करते है फिर भी हमारी स्किन का टोन बढ़ता नही है। अगर फिर भी समस्याओं से छुटकारा ना मिले तो आपको आजमाने चाहिए घरेलू नुस्खे नीचे इस समस्या के कारण ओर उपचार दिए गए है।
Skin Tone Improvement Tips


         फेस स्किन टोन कम होने के कारण 
  • संतुलित आहार की कमी
  • नियमित रूप के पानी न पीना
  • प्रदूषण,सूर्य 
  • खराब जीवन शैली
  • ब्यूटी प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल
  • तनाव की स्थिति

           फेस स्किन टोन बढ़ाने के उपचार

  • व्ययाम करते रहना चाहिए, सुबह के समय जॉगिंग करे तथा सूर्य नमस्कार करे इन सब से शरीर का रुधिर परिसंचरण तंत्र सुधरता हैं। पसीना निकलना आपके लिए अच्छा हैं। जब त्वचा से पसीना निकलता है तो त्वचा साफ़ हो जाती है क्योंकि त्वचा की गंदगी बाहर निकल जाती हैं, उसके कुछ समय बाद ठन्डे जल से धो सकते हैं। इससे आपके स्किन टोन निखरेगा।
  • हल्दी का प्रयोग त्वचा के निखार के लिए अच्छा होता है। इसमें थोड़ी सी मलाई मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 10 से 15 मिनट तक चेहरे पर लगाएं और धो लें।
  •  संतुलित भोजन का सेवन करना करे जिसमे प्रोटिन और विटामिन प्रचुर मात्रा में हो। फल तथा हरी पत्तियों वाली सब्जियां अधिक मात्रा में हो। सही मात्रा में सही समय पर खाना चाहिए।
  • नींबू और शहद को मिलाकर इसे चेहरे पर अच्छे से लगाएं और 15 से 20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें। इस पेस्ट को तैयार कर के आप इसे चेहरे और शरीर के बाकी हिस्सों पर भी लगा सकते है। 
  • त्वचा को निखारने के लिए चंदन एक प्राकृतिक उपचार है। यह त्वचा का रंग निखारता है तथा त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे- पिंपल और एलर्जी को भी दूर करता है।
  • आपकी त्वचा के प्रकार को देखते हुए चेहरे पर मास्क लगाएं, बाजार में कई प्रकार के फेस मास्क उपलब्ध है फेस मास्क से चेहरे पर  ग्लो आता है।
  • जितना हो सके तनाव की स्थिति से दूर रहे तनाव आपके फेस टोन को कम कर देता है ।इसके लिए आप ध्यान करे और ऐसे लोगो के साथ रहे जिनसे आपको खुशी मिलती है।

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Monday 9 July 2018

Mouth Smell Solution In Hindi

मुंह की दुर्गन्ध से काफी शर्मनाक अनुभव होता है ओर यह आपके आत्मविश्वास में कमी ला सकता है ।एक बहुत ही आम समस्‍या है जिसे हम हेलिटोसिस के नाम से भी जानते हैं, जो हमारे पाचन तत्रं से शुरु होती है। बैक्‍टीरिया और भोजन मिल कर इस समस्‍या को उत्‍पन्‍न करते हैं। अगर आप जान जाए कि कौन सा भोजन ऐसा है जिसे खाने से इस समस्‍या से मुक्ति मिल सकती है तो आप शायद दूसरे लोगों के सामने शर्मिंन्‍दा होने से बच जाएं। तो चलिये जाााते है कैसे हम मुंह की दुर्गन्ध को दूर करे।


              
  • मुंह से दुर्गन्ध आने के कारण
  • खाने के ठीक बाद मुंह ना धोना
  • कब्ज होना
  • मुंह का सूखापन
  • नियमित रूप से पानी ना पीना
  • मसूड़ो की बीमारी
  • ध्रूमपान
  • मुंह की दुर्गन्ध दूर करने के उपाय
  • मुंह में बदबू आने से बचने के लिए मुंह को साफ़ रखना बेहद जरुरी होता है। नियमित रूप से दांतों पर ब्रश करें और जीभ को साफ रखें । दिनभर जरूरत अनुसार पानी पीना भी जरूरी होता है। साथ ही, खाने के बाद अपने मुंह को पानी से अच्छी तरह से कुल्ला करें। इससे दांतों के बीच में फसे भोजन के कण बाहर निकल जायेंगे।
  • हर भोजन के बाद अगर आप नींबू के टुकड़े को चूसेगें या फिर उससे अपने दांतो पर घिसेगें तब भी आपके मुंह से बदबू नहीं आएगी। इसमें मौजूद सिट्रस एसिड मुंह से प्‍याज़, अदरक और लहसुन की बदबू को मिटाता है।
  • तुलसी पुदीना और धनिया जैसे पौधों कि पत्तियां भी आपके मुंह की बदबू से छुटकारा दिलाता है। साथ ही नीम की दातुन भी इस मामले में आपके लिए वरदान होती है क्योंकि न केवल सांसो की बदबू को खत्म करने में नीम आपकी मदद करता बल्कि साथ ही दांतों और मुहं की अन्य समस्याओं से भी आपको छुटकारा दिलाता है।
  • सौंफ काफी अच्छे माउथ फ्रेशनर की तरह काम करती है, इसलिए मुंह की बदबू को दूर करने में यह फायदेमंद है। अपने मुंह को तुरंत फ्रेश करने के लिए एक चम्मच सौंफ को चबाएं।
  • इलायची, अजवाइन और लॉंग आदि खाने से मुंह में दुर्गन्ध नही आती है। यह एक प्रकार का माउथ फ्रैशनर भी है जो स्‍वाद के लिए खाया जाता है। भोजन के बाद हमेशा लॉग या इलायची मुंह में जरुर डाल लेना चाहिए जिससे मुंह की दुर्गंध दूर हो सके।
  • मुंह की दुर्गंध दूर करने में बेकिंग सोडा काफी काम आता है। इसके प्रयोग से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। इसमें मौजूद हाइड्रोजन पेरोक्साइड मुंह में मौजूद बैक्टेरिया को खत्म करता है। टूथ पेस्ट से ब्रश करने के बाद एक बार बेकिंग सोडा से ब्रश कर सकते हैं।
  • पानी में नमक घोलकर गरारे करने से मुंह के बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं और मुंह में मौजूद भोजन के बारीक कण निकल जाते हैं। हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक मिलाएं गरारे करें और रोज ब्रश करे।
                                  धन्यवाद
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Sunday 8 July 2018

Increase Height Tips

जिस व्यक्ति का "कद" अगर अच्छा हो,तो उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निखर जाता है। अच्छी Height के फायदे भी बहुत होते है जैसे-पुलिस ओर सेना में भर्ती के अच्छी कद काठी का होना बहुत जरूरी है। मॉडलिंग में जाने के लिए भी अच्छी Height का जरूरी है। शरीर की height बढ़ने की उम्र लगभग 18 वर्ष होती है 
शरीर के अच्छे विकास ओर अच्छी Height के लिए सही खान पान का होना बहुत जरूरी है। Height बढ़ाने के लिए लोग तरह तरह की दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन फिर भी मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलता।यहाँ हम आपको बताएंगे ऐसे तरीके जिससे आप अपना कद बढ़ा सकते है।

  • Increas Height Tips In Hindi 
  • अगर आप कद बढ़ाना चाहते हैं तो आपको कैल्शियम युक्त खाना खाना चाहिए। कैल्शियम हड्डियों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन करना चाहिए।
  • कद बढ़ाने के लिए ये जरूरी है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें। लटकना तो जरूरी है ही साथ ही साथ आपको जल्दी लाभ के लिए भुजंगासन करना चाहिए।
  •  पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करे क्योकि पानी का अच्छी तरह से सेवन करने से ये गंदगी को बाहर निकलता है। जिससे रक्त प्रवाह सही ढंग से होता इससे height बढ़ती है।
  • कद बढ़ाने के लिए शरीर को विटामिन डी की बहुत जरूरत होती है। इसके लिए सूर्य की किरणों से अच्छा स्रोत कुछ हो ही नहीं हो सकता। इसके लिए आपको सूर्योदय के समय 20 से 30 मिनट धूप में बिताना चाहिए।
  • अश्वगंधा के जड़ का चूर्ण या पाउडर बना ले और बराबर मात्रा में चीनी का भी चूर्ण बना ले और दूध के साथ दो चम्मच ले। (इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले)
  • कद बढ़ाने के लिए आप आंवले का सेवन करें। आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के विकास और हाइट बढ़ाने में मदद करता है।
  • कद बढ़ाने के लिए ग्रोथ हार्मोन का बढ़ना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको थोड़े- थोड़े अंतराल पर खाना खाते रहना चाहिए। आप को दिन में 5 से 6 बार खाना खाना चाहिए।
  • कभी भी झुककर बैठना या चलना नहीं चाहिए। इससे आपकी लंबाई कम लगती है। हमेशा सीधा होकर चलें।

Saturday 7 July 2018

Treat To Migraine

पारंपरिक रूप से सिरदर्द एकतरफा, चुभने वाला और मध्यम से गंभीर तीव्रता वाला होता है । आमतौर पर यह धीरे-धीरे आता है और शारीरिक गतिविधि के साथ बढ़ता है । यह दर्द पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों को अधिक होता है।कई बार Migraine का दर्द एक विशेष समय पर प्रारंभ होकर, कम-से-कम 2 घंटे अथवा 2 दिन के बाद स्वयं समाप्त हो जाता है।

दुबले-पतले शरीर वालों की तुलना में भारी शरीर वाले लोगों में माइग्रेन की शिकायत 80 प्रतिशत तक ज्यादा रहती है। इससे पहले चिकित्सा विज्ञानियों ने मोटे लोगों को क्रॉनिक-माइग्रेन का शिकार पाया।



                    माइग्रेन होने के कारण 

  • खट्टे फल
  • स्त्रियों को मासिक धर्म आरंभ होने के समय 
  • चॉकलेट, पनीर 
  • शराब आदि पीने से भी यह दर्द आरम्भ हो जाता है ।

              माइग्रेन को कंट्रोल करने के उपाय
  • मालिश आपको माइग्रेन का इलाज करने में सहायता कर सकता है मालिश करने से तनाव की स्थिति से निपटने में भी सहायता मिलती है मालिश के सत्र के दौरान बेचेनी, दिल की धड़कनों एवं तनाव के हॉर्मोन कोर्टीसोल का स्तर कम होना महसूस किया यह काफी आवश्यक है क्योंकि तनाव माइग्रेन का कारक है।
  • पानी पीने से सिरदर्द-माइग्रेन दूर होता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान रहने वाले रोगियों को पानी पीते रहने से काफी राहत मिलती है। साथ ही पानी पीते रहने से सिरदर्द और माइग्रेन की तेजी को कम भी किया जा सकता है।
  • रात को सोते समय पैरों के तलवों में, विशेषकर बीच के भाग में मालिश करने से अचानक होने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है।
  • सिरदर्द के रोगी नियमित रूप से प्रात:काल देसी घी में काली मिर्च व मिश्री मिलाकर खाएं तो उन्हें लाभ होता है।
  • नाक से भाप देकर माइग्रेन रोग को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए एक बर्तन में पानी गर्म करके भाप लेनी होती है। ऐसा करने से कुछ दिनों में रोग ठीक हो जाता है।
  •  विटामिन बी से भरपूर चीजों का सेवन करें। विटामिन माइग्रेन रोगियों के लिए आवश्यक माना गया है। गाजर का रस और पालक का रस पीएं। इससे माइग्रेन में बहुत आराम मिलता है।
  • अदरक के रस की मलहम की तरह लगाने अथवा सौंठ के चूर्ण को पानी में लुगदी बनाकर लगाने से सिरदर्द में लाभ होता है 
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Friday 6 July 2018

Weight Gain Tips

जहाँ आज एक ओर बहुत से लोग मोटापे से परेशान हैं वही दूसरी ओर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो दुबलेपन या वजन कम होने की समस्या से जूझ रहे हैं l

वजन ज्यादा या कम होना दोनों ही अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बनता है l जिस तरह weight कम करना मुश्किल कार्य है वैसे ही नेचुरल तरीके से संतुलित वजन बढ़ाना भी मुश्किल कार्य  है वजन बढाने के लिए लडके कई प्रकार के नुस्खे अपनाते हैं।

दवाइयों का प्रयोग करके अगर वजन को बढाया जाए तो उसके साइड-इफेक्ट शरीर पर पडते हैं। इसलिए खान-पान में बदलाव करके वजन बढाने का तरीका सबसे कारगर होता है। डाइट-प्लान बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें पर्याप्त‍ मात्रा में पोषण तत्व मौजूद हैं या नहीं। आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन-कौन से आहार हैं जो कि लडकों के लिए वजन बढाने में कारगर हो सकते हैं।
              
                         दुबलेपन के कारण
  • समय पर खाना नहीं खाना
  • उपवास ज्यादा करना
  • खुराक कम लेना
  • पौष्टिक आहार नहीं लेना
  • आनुवंशिकता
  • शारीरिक श्रम ज्यादा ओर भोजन कम मात्रा में लेना 
  • अजीर्ण ( Indigestion),खाने के प्रति अरुचि 
                          वजन कैसे बढ़ाएं
  • लडकों को मोटापा बढाने के लिए साबुत अनाज जैसे- गेहूं, जौ, पास्ता, ब्राउन चावल आदि का प्रयोग करना चाहिए। साबुत अनाज में पिसे हुए अनाज की तुलना में ज्यादा कैलोरी और विटामिन होता है। दूध के अन्य उत्पाद के साथ साबुत अनाज का प्रयोग किया जा सकता है।मोटापा बढाने के संतुलित भोजन बहुत फायदेमंद होता है। 
  • पौष्टिक खान पान लें – खान पान में घी, मक्खन, फल, हरी सब्जियां , दूध, दही, ज्यूस, गुड़, ड्राई फ्रूट्स, सलाद आदि शामिल करें । इससे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है । इनके लगातार सेवन से दुबलापन दूर होकर शरीर का वजन बढ़ने लगता है, शरीर में चुस्ती फुर्ती आती है, त्वचा चमकदार हो जाती है l चेहरे पर रंगत आने लगती है, आत्मविश्वास बढ़ जाता है l 
  • फास्ट फूड और जंक फूड मोटापा बढाने में बहुत सहयोग देते हैं। जंकफूड में अतिरिक्त वसा और कैलोरी होती है। जंक फूड का प्रयोग लडके दिन में कई बार कर सकते हैं। जंक फूड और स्नैक्स को हर जगह पर खाया जा सकता है। 
  • ड्राई फ्रूट्स बादाम, किशमिश, अंजीर, काजू, पिस्ता, मूंगफली ये सभी उत्तम वसा,कार्बो हाइड्रेट एवं पोषक तत्वों का भंडार हैं । इनका उचित रूप में सेवन ना केवल शरीर का वजन बढ़ने में सहायक है
  • पर्याप्त व गहरी नींद लें (Good Sleep)– शरीर में पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत एवं नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए गहरी एवं समुचित नींद लेना बहुत जरुरी है अच्छी नींद से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है l 
  • व्यायाम या योग करें शरीर में ली गई अतिरिक्त कैलोरी का वितरण सही हो,अंग प्रत्यंगों के अनुपात में सही वजन बढ़े, केवल पेट आदि पर चर्बी न बढ़ जाये,इसलिए सुबह शाम घूमना, बैडमिंटन, खेलना, साइक्लिंग,योगा,प्राणायाम आदि अच्छे उपाय माने जाते हैं l इससे कोलेस्ट्रोल भी सही रहता है तथा शरीर की मांसपेशियों सही ढंग से विकसित होती हैं।
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Improve Brain Power

हेलो दोस्तो । अपने कभी ध्यान दिया कि लोग छोटी से छोटी बातो को भी याद कर लेते है,और कई लोग नई चीजें आसानी ओर तेजी से याद कर लेते है, क्या आप की जानना चाहते है कि वो ऐसा कैसे करते हैं । आप भी ये कर सकते हैं,
इसके लिए आपको अपने दिमाग को ज्यादा active करना होगा। अपने दिमाग की पावर को improve करना होगा इसके लिए नीचे tips follow करे ।

                  दिमाग को तेज करने के तरीके 

  1. Exercise: Exercise करने से आपकी body fit रहती है, ओर साथ में आपके brain की भी exercise होती है. नयमित exercise ना करने से आपके brain में oxygen supply करने वाली arteries कमजोर हो जाती हैं. इन arteries में plaque जम जाता है, जो की oxygen को properly supply नहीं होने देता. इससे बचने के लिए रोजाना exercise करें और walk करें
  2. Stress:  ऐसी कोई भी चीज़ जिससे आपको stress होता है या gussa आता है, ऐसी चीज़ों से दूर रहेे। बहुत ज्यादा stress से आपको depression की problem हो सकती है. Depression से आपका memorizing power weak हो जाता है. 
  3. Repeat Things: यदि आप अपने दिमाग में कोई मेमोरी स्थापित करना चाहते हैं, तो इसे बार बार दोहराएँ| जैसे आप किसी नए व्यक्ति मिलते हैं तो उनसे हाथ मिलते समय उनका नाम दोहराएं (“Hi Mohan”), जब आप बातचीत खत्म कर रहे हों तब उनका नाम फिर से कहें (“It was nice meeting you, Mohan”)| यदि आपको यह अजीब लगता है, तो आप मन में कह सकते हैं
  4. Proper Sleep: लगातार 7 – 8 hours की नींद रोज़ लें. इससे आपका memory power बढ़ोतरी होगी Proper नींद से आपका brain actively काम करेगा और आप चीज़ों को आसानी से याद रख पाएंगे, क्योंकि जब हम properly नींद पूरी करते हैं तो ये memory को sharp करता है. काम के वक्त भी बीच में 10 – 15 mins की झपकी लें, इससे brain charge हो जाता है।
  5. Meditation Everyday: प्रतिदिन कम से कम 15 से 30 मिनट ध्यान करने से आपके मस्तिष्क में परिवर्तन आता हैं और तनाव दूर होता है| सुबह का समय ध्यान करने के लिए सबसे अच्छा समय होता हैं| मैडिटेशन आपको स्वंय से मिलाता है, जिससे आपके जीवन में अद्भुत परिवर्तन आने लगते हैं|
  6. Laugh out Loud: शोध बताते हैं कि हँसी से मनुष्य की अल्पकालिक याददाश्त (Short Term Memory) में सुधार होता है। हंसने से एक विशेष प्रकार के हार्मोन (एंडोर्फिन) का स्त्राव बढ़ता है जिससे आपके आपकी तर्क क्षमता बढ़ती है और तनाव कम होता हैं|
  7. Music: एक शोध से पता चला है की music memory को recall करने का एक बहुत ही अच्छा तरीका है. अगर आप कोई गान सुनते हुए किसी चीज़ को याद करते हैं तो बाद में, उस music को mentally play करके अपनी memory को recall कर सकते हैं.
  8. Test Yourself Daily: दिन भर में, खुद का थोड़ा परीक्षण लें – उदाहरण के लिए, जब आप एक दुकान छोड़ देते हैं तो अपने आप से पूछिये कि आपने दुकान में क्या देखा था, विभिन्न वर्गों के स्थान, दुकानदार के बारे में; उसकी / उसके बाल, आंखों व शर्ट का रंग आदि। स्वयं को टेस्ट करें, इससे आपकी स्मृति शक्ति में सुधार होगा।
  9. Create Connection: आप अपनी दिनचर्या में जो भी देखते हैं उससे कनेक्शन बनाने से आप अपनी स्मृति (memory) को बेहतर कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में – जिस सड़क से आप गुज़रें उसकी कोई खास निशानी जैसे कोई बड़ी दूकान या शोरूम या हॉस्पिटल को याद रखने से रास्ते को याद रखना आसान हो जाता है। किसी टेलीफोन नंबर को याद करने के लिए उसे आप, अपनी जन्म तिथि या शादी की वर्ष गाँठ से कनेक्ट करके याद रख सकते हैं।
  10. Write It Down: लेखन से आपके मस्तिष्क के उन क्षेत्रों में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह पैदा होता है जो कि अपनी याददाश्त बढ़ाते है। अगर आप विधार्थी है, तो पढाई करते समय नोट्स बना सकते है या एक ब्लॉग लिख सकते हैं  ये सभी गतिविधियां आपको अपनी याद करने की क्षमता को बढ़ाती हैं।
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Tips To Treat Mouth Ulcer

माउथ अल्सर एक ऐसी बीमारी है जिसका लक्षण हमें आसानी से नजर आ जाता है. जैसे कि होठों, मसूढ़े और मुंह के किसी अन्य हिस्सों में कोई सफेद घाव का दिखना, मुंह से खून का निकलना या फिर खाते समय मुंह में जलन सा महसूस होना मुंह में अगर छाले हो जाएं तो कुछ भी खाने में काफी परेशानी होती है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। 
छाले होने पर मुंह में तेज जलन और दर्द होता है। कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं। मुंह में छाला आना एक नार्मल बीमारी है, जो कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ लोगों को छाले बार-बार आते हैं। ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जांच करानी चाहिए, ताकि सही इलाज किया जा सके। मुंह में छाले होने के कई कारण होते हैं। कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं।    

  •  मुंह में छालो के कारण
  1. संक्रमण (infection) : बेक्टरीअल वायरल या फंगल 
  2. पेट की गर्मी (acidity)
  3. कब्ज (constipation)
  4. असंतुलित आहार विहार 
  5. गुटका या पान मसाले का अधिक सेवन
  6. ज्यादा तीखे मसले वाला भोजन
  7. मुह की गन्दगी
  8. तनाव व नींद पूरी ना होना 
  9. किसी वजह से पाचन तंत्र बिगड़ गया हो तो आपके मुह में बार बार छाले हो सकते है 
  10. ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक मेडिसिन का सेवन
                 मुह के छालो का उपचार

  • माउथ अल्सर के मरीजों को को खाने में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए आप दो-तीन गिलास संतरे का जूस प्रतिदिन पिएं. आप टमाटर से भी विटामिन सी प्राप्त कर सकते हैं.
  • जितना हो सके ज्यादा मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें.
  • मुंह की सिकाई करने के लिए आपको दिन में दो से तीन बार तक गरारा करना चाहिए.
  • अल्सर में जलन कम करने के लिए ग्लिसरीन में हल्दी का पाउडर मिलाकर उससे अल्सर वाली जगह पर धीरे-धीरे मालिश करें. इसके करीब 15-20  मिनट बाद इसे साफ कर लें.
  • पानी की कुछ बूंदों में एक चम्मच बेकिंग सोडा के साथ मिलाएं और उसे अल्सर वाली जगह पर दो-तीन बार लगायें और 15 मिनट बाद उसे अच्छे से साफ कर लें.
  • ऐसे में आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए.
  • यदि आप खाना खाते समय खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें तो और बेहतर होगा.
  • आम या अमरूद के नर्म पट्टियों को चबाकर उनका रस मुख में चालों के स्थान पर रखने से तथा इनके सेवन से भी इस ताकलीफ़ से राहत मिलती है. यही प्रयोग अगर जाजी मालीगी के पत्तों द्वारा किया जाए तो अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है. इनसे थोड़ी देर के लिए सुन्न्ता का अनुभव होता है परंतु शीघ्र ही आराम आ जाता है
  • जीरा का आधा चम्मच चबाकर खाने के उपरांत 1 गिलास पानी पीजिए. इस प्रयोग से भी चालों में अत्यंत लाभ मिलता है.

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Thursday 5 July 2018

Blackheads Remove Tips

सुंदरता पर दाग लगाने वाली कुछ समस्याओं में से एक है ब्लैक हेड्स (Black heads), जो स्किन पोर्स में गंदगी या तेल भर जाने की वजह से होती है। वैसे तो यह समस्या तैलीय त्वचा वालों को अधिक होती है लेकिन आज की अस्वस्थ और अनियमित दिनचर्या के कारण कोई भी इस परेशानी से घिर सकता है।

ब्लैक हेड्स अधिकतर नाक, माथा और ठोड़ी पर होते हैं और देखने में काले धब्बे व छूने पर खुरदरे लगते हैं। कई लोग ब्लैक हेड्स को हाथों से दबाकर निकालने की कोशिश करते हैं जिससे चेहरे पर दाग पड़ जाते हैं। इस समस्या से बचने का सबसे अच्छा तरीका है घरेलू उपाय जो आसान तो हैं ही साथ ही जल्दी असर भी दिखाते हैं-


  • ब्लैकहेड्स होने के के कारण 
    • प्रदूषण के कारण
    •ऑयली स्किन
    •त्वचा की गंदगी 
    •रोम छिद्र का बड़ा होना
    •हॉर्मोन का परिवर्तन
  •  ब्लैकहेड्स से बचने के उपाय
  1. धनिया के पत्तों की डंडी को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर ब्लैक हेड्स पर लगाएं, सूखने के बाद पानी से धो लें। ऐसा करने से ब्लैकहेड्स समाप्त हो जायेंगे।
  2. बिना छिलके के टमाटर को मैश करें और इस पेस्ट को 4 से 5 मिनट तक ब्लैकहेड्स पर रगड़ें। यह नुस्खा न केवल ब्लैकहेड्स को खत्म करेगा बल्कि त्वचा में कसाव भी लाएगा।
  3. दो चम्मच बेकिंग सोडा में मिनरल वाटर मिलाकर पेस्ट तैयार करें।अब इस पेस्ट को ब्लैकहेड्स पर लगाकर धीरे-धीरे मालिश करें। फिर इसे कुछ मिनट्स के लिए सूखने दें और फिर गर्म पानी से धो लें।इस उपचार को हर हफ्ते एक या दो बार करें। 
  4. चार चम्मच दही में जरूरत अनुसार ओटमील मिलाकर मोटा पेस्ट तैयार करें।अब इसे अपने चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए स्क्रब करें।फिर इसे पानी से धो लें।स्किन को क्लियर रखने के लिए इस उपचार को नियमित करें।
  5. अपने चेहरे पर शुद्ध शहद लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।फिर इसे गर्म पनी से धो लें

नारसिंह चूर्ण के बेमिसाल फायदे, पाये शेर जैसी ताकत | शरीर को बनाए वज्र के समान |

  नारसिंह चूर्ण के घटक द्रव्य ओर बनाने की विधि : शतावरी, गोखरू, छिलके निकाले हुए तिल और विदारीकन्द 64 -64 तोले वाराहीकन्द, गिलोय 1-1 स...