Thursday 6 October 2022

Use of Palash (पलाश ) in Ayurveda Medicine

पलाश 

पलाश फेबेसी परिवार का पेड़ है, पलाश के फूल बेहद खुबसूरत लगते है, इनका आकर्षण रंग अपनी और ध्यान खीच लेता है | पलाश को आमतौर पर जंगल की ज्वाला (Flame of the forest) या ज्वाला वृक्ष (Flame Tree) भी कहा जाता है | 

यह दो प्रकार का होता है | एक तो लाल फूलो वाला और दूसरा सफ़ेद फूलो वाला, लाल फूलो वाला पलाश का वैज्ञानिक नाम "ब्यूटिया मोनोस्पर्मा" (Butea Monosperma) है | सफ़ेद फूलो वाले पलाश का वैज्ञानिक नाम "ब्यूटिया पार्विफ़्लोरा" ( Butea Parviflora) है | यह भारत में आसानी से किसी भी स्थान पर मिल जाता है | 

इसके फूलो को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है, पलाश के फूल के अलावा इसकी पत्तिया, छाल, बीच और मूल का उपयोग भी विभिन्न दवाइयों के रूप में किया जाता है, जिसका उपयोग त्रिदोष वात और कफ़ के उपचार करने के लिए किया जाता है |  

इसमे रोगाणुओं और एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एपेटाइजर, एंटी डायबिटीक गुण पाए जाते है | आयुर्वेदाचार्यो के अनुसार यह चर्म रोग, ज्वर, मुत्रावरोध, गर्भाधान रोकने, नेत्रज्योति बढाने, जोड़ो के दर्द, डायरिया, लीवर और अन्य समस्याओ के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है |  


पलाश के फूलो से बने रंग की उपयोगिता  



  • भारत में प्राचीन काल से होली खलने के लिए पलाश के फूलो से बने रंग का प्रयोग होता आया है | इसके पीछे विज्ञान छुपा हुआ है, पलाश के फूलो का रंग शरीर की अत्यधिक गर्मी को शांत करता है | 
  • त्वचा को स्वच्छ व रक्त को शुद्ध करके अनेक संक्रामक रोगों से हमारी सुरक्षा करता है |
  • बाजार में बहुत से हानिकारक केमिकल युक्त रंग उपलब्ध है, उनसे हमारे शरीर और त्वचा को बहुत नुकसान होता है साथ ही साथ हमारी आँखों के लिए भी हानिकारक होते है, यह त्वचा सम्बन्धी रोगों को उत्पन्न करते है इसलिए प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग किया जाना चाहिए | 


पलाश के पत्तो  से बने दोना - पत्तल  की उपयोगिता  



  • पलाश के पत्तो से बने दोना- पत्तल में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है | इसलिए इनका प्रयोग भोजन रख के करने में आता है  | 
  • इससे बनी दोना - पत्तलों में भोजन करने से सोना - चांदी के पात्र में भोजन करने के समान लाभ मिलता है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है | 

यदि आप चाहते है कि आपको अपनी बीमारी के लिए बार - बार डॉक्टर के चक्कर न लगाना पड़े, तो पलाश के पेड़ को अपने जीवन में जरुर शामिल करे | 


पलाश के फूल का औषधीय गुण 

  • कुष्ठ:- आयुर्वेद की माने तो पलाश के फूल में एंटी लेप्रोटिक प्रभाव होता है | जो की कुष्ठ रोग से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है |
  • बवासीर:- पलाश के सूखे हुए फूल के पाउडर में कई खनिज तत्व पाए जाते है यह बवासीर के इलाज में काफी हद तक सहायक है |
  • मासिक धर्म:- महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता में भी इसका उपयोग किया जाता है |
  • मूत्र विकार:- मूत्र  सम्बन्धी विकार में पलाश के फूलो का उपयोग किया जाता है | 
  •  रतोंधी:- रतोंधी में पलाश के फूलो का उपयोग किये जाने पर लाभ मिलता है | 
  • ज्वर:- पलाश के फूल ज्वर में उपयोग किये जाते है | 
  • सुजन में:- पलाश के फूल में मेथेनोलिक अर्क होता है, इस अर्क में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, ये घात के कारण होने वाली सुजन को कम करने में सहायक होता है |
  • योन शक्ति:- पलाश के फूल योन शक्ति और उससे जुडी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है 
  • बालो के रोग:- पलाश के फूलो का इस्तेमाल बालो के लिए लाभकारी माना जाता है | जो बालो के रोग में मोजूद मुक्त कणों को दूर करने के साथ बालो को झड़ने से रोकता है |
  •  कील-मुहासे:- फूलो के उपयोग से चेहरे के दाग व किल मुहासे मिट जाते है, इससे त्वचा की कांति व सोंदर्यता बढती है |
  • शक्ति:- फूलो के उपयोग से शरीर को शक्ति मिलती है 

पलाश की छाल का औषधीय गुण

  • रक्त शुद्धि:- पलाश की छाल ब्लड प्यूरीफायर की तरह कम करती है | खून साफ कर कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से बचाव करती है |
  • थाइराइड:- पलाश की छाल थाइराइड हार्मोन्स को नियंत्रित करने का गुण भी होता है |
  • त्वचा रोग:- पलाश की छाल में एंटी फंगल गुण पाए जाते है, जो संक्रमण फेलाने वाले फंगस को खत्म करने में सहायक है | 
  • सर्दी-ख़ासी:- पलाश की छाल का काढ़ा सर्दी ख़ासी में निजात दिलाने में मददगार होता है | 
  • आंत्रवृद्धी (Hernia):-  आंत्रवृद्धी (Hernia) में छाल का उपयोग किया जाता है |
  • रक्तस्त्राव:- रक्तस्त्रावव ज्यादा होने पर छाल का काढ़ा उपयोग किया जाता है | 

पलाश के बीज का औषधीय गुण

  • पेट के कीड़े:-  पलाश के बीज का उपयोग पेट से जुडी समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है | पलाश के बीज पेट के कीड़े का उपचार करने में भी सहायक हो सकते है | 
  • घाव:- घाव पर लगाने पर घाव भरने की प्रक्रिया तेज हो जाती है जिससे घाव जल्दी भर जाते है |
  
पलाश के पत्तो का औषधीय गुण

  • मधुमेह:- पलाश में एंटी हाइपरग्लेसेमिक गुण सबसे ज्यादा पाया जाता है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है |  
  • खराश:- गले की खराश के लिए और माउथवॉश के लिए इसका उपयोग किया जाता है | 
  • सफ़ेद पानी (leucorrhoea) :- महिलाओं में सफ़ेद पानी गिरने की शिकायत होने पर और जननांग भाग को  धोने के लिए इसका काढ़ा का उपयोग किया जाता है | 

पलाश के उपयोग में सावधानी 

  • गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले |
  • अगर किसी बीमारी के लिए एलोपैथी दवा का सेवन कर रहे है तो पलाश का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरुर कर ले | 
  • सवेदनशील लोगो को पलाश के सेवन से एलर्जी की शिकायत हो सकती है | 
 पलाश की खुराक 
  • पलाश का उपयोग किस लिए किया जा रहा है, साथ ही खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई कारकों पर निर्भर करती है | तो उपयोग से पहले इसकी उचित खुराक के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले |

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