Asthma (दमा) फेफड़ो की एक बीमारी जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस लेने की इस पक्रिया के समय एक सीटी जैसी आवाज आती है।
Asthma (दमा) ऐसा रोग है जो बच्चों से लेकर किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है। इस स्थिति में सुबह ओर शाम के समय खासी की समस्या बढ़ जाती है।
अस्थमा का दौरा पड़ने पर श्वास नलिका बंद हो जाती है जिसके कारण शरीर मे महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। अस्थमा के दौरे से रोगी की मित्यु भी हो सकती है। अस्थमा को ठीक नही किया जा सकता लेकिन इसको नियंत्रण किया जा सकता है ताकि रोगी सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। इस पोस्ट के जरिये Asthma (दमा) का आयुर्वेदिक ओर घरेलू उपचार के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले हम आपको अस्थमा के बारे में जानकारी देंगे।
Asthma (दमा) ऐसा रोग है जो बच्चों से लेकर किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है। इस स्थिति में सुबह ओर शाम के समय खासी की समस्या बढ़ जाती है।
अस्थमा का दौरा पड़ने पर श्वास नलिका बंद हो जाती है जिसके कारण शरीर मे महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। अस्थमा के दौरे से रोगी की मित्यु भी हो सकती है। अस्थमा को ठीक नही किया जा सकता लेकिन इसको नियंत्रण किया जा सकता है ताकि रोगी सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। इस पोस्ट के जरिये Asthma (दमा) का आयुर्वेदिक ओर घरेलू उपचार के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले हम आपको अस्थमा के बारे में जानकारी देंगे।
- Asthma (दमा) के कारण
- श्वास नली में संकमण होना
- फेफड़ो का संक्रमण
- एलर्जी, छोटे छोटे धूल के कण
- जीवाणु
- प्रदूषण
- फंगस
- पालतू जानवरों के ज्यादा संपर्क में रहना
- अनुवांशिक कारण
- लंबे समय तक सर्दी जुकाम रहना
- Asthma (दमा) के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ होना,सांस फूलना
- सांस की नालियों में सूजन आना
- कम रक्तचाप
- थकावट महसूस होना,पसीना आना
- इस रोग में सुखी खासी हो जाती है साथ ही सीने में जकड़न ही जाती है
- सोते समय तकलीफ होना
- छाती में कफ जमा हो जाना
- बेहोशी आना आदि
- Asthma (दमा) का आयुर्वेदिक उपचार
- कंटकारी: कंटकारी अस्थमा के रोगी के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, यह फेफड़ो ओर गले मे जमे हुए कफ को हटा देता है जिससे अस्थमा रोगी को आराम मिलता है।
- पुष्करमूल: इसमे एंटीबैक्टीरियल गुण पाये जाते है इसके चूर्ण को रोज सुबह शाम लेने से अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।
- दालचीनी: दालचीनी के चूर्ण को शहद के साथ लेने पर बलगम निकलने में सहायता मिलेगी ओर साथ ही अस्थमा में आराम मिलेगा।
- वासा: वासा जिसे अडूसा भी कहते है यह कफ के स्त्राव को कम करता है साथ ही खासी को ठीक करता है। इसमें ब्रोंकोडायलेटर गुण पाये जाते है। इस गुण के कारण इसका उपयोग अस्थमा में किया जाता है ओर अस्थमा को दूर करने में सहायक है।
- Asthma (दमा) का घरेलू उपचार
- अंजीर को रातभर पानी मे भिगोकर रख दे और सुबह उसे खाली पेट खा ले, इससे अस्थमा रोगी को आराम मिलता है।
- शहद कफ को हटाने में सहायक होता है रोज दिन में 3 से 4 बार एक गिलास पानी मे शहद मिलाकर पीने से अस्थमा रोग में फायदा मिलता है।
- हल्का ओर जल्दी पचने वाला भोजन ले जैसे- मसूर, मूंग दाल आदि।
- तुलसी के पत्तो को पीसकर उसमें शहद मिलाकर खाने में से भी अस्थमा में आराम मिलता है।
- सरसों के तेल को हल्का गर्म करके छाती पर मालिश करने से अस्थमा में बहुत आराम मिलता है।
- योग
- अस्थमा रोग में आयुर्वेदिक ओर घरेलू उपचार के साथ अगर योग भी करे तो बहुत जल्दी आराम मिलता है।अस्थमा रोगी को रोज सुबह नियमित रूप से कपालभाति, अनुलोम विलोम कम से कम 10 से 15 मिनट करना चाहिए।
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